Panchak 2022: जिस दिन शुरू हो रहे हैं ‘नवरात्रि’ और ‘नवसंवत्सर’, उसी दिन समाप्त हो रहा है ये ‘अशुभ योग’

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Panchak Dates 2022 with Start and End Timings: पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल 2022, शनिवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है. इस दिन ‘पंचक’ (Panchak) समाप्त हो रहे हैं. पंचक 28 मार्च 2022, सोमवार को प्रात: 11 बजकर 55 मिनट से चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि से पंचक आरंभ हुआ था.
2 अप्रैल को पंचक समाप्त (Panchak Calendar 2022)पंचक पांच दिनों का माना गया है. इसीलिए इसे पंचक कहा जाता है. पंचांग के अनुसार पंचक का योग 28 से 2 अप्रैल 2022 तक बना हुआ था. पंचांग की गणना के अनुसार 2 अप्रैल 2022, शनिवार को प्रात: 11 बजकर 21 मिनट पर पंचक समाप्त होगा. इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. विशेष बात ये है कि इस दिन हिंदू वर्ष नवसंवत्सर 2079 (Hindu Nav Varsh 2022) और नवरात्रि (chaitra navratri 2022) का शुभारंभ हो रहा है. 
पंचक कैसा लगता हैज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक तब लगता है जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है. इसके साथ ही पंचक के दौरान घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र होते हैं, उन्हें पंचक कहा जाता है. ये नक्षत्र घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र हैं. 
पंचक का महत्वपौराणिक मान्यता के अनुसार पंचक में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन कुछ स्थितियों में कुछ कार्यों को छोड़कर अन्य कार्य किए जा सकते हैं. मान्यता है कि अग्नि पंचक में मंगल से जुड़ी चीजों का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए और अग्नि से बचना चाहिए. क्रोध से दूर रहना चाहिए और वाणी को मधुर बनाना चाहिए.
इस बार बना था ‘चोर पंचक’ का योगपंचक जब रविवार से आरंभ होता है तो इसे रोग पंचक, सोमवार से प्रारंभ होने पर राज पंचक, मंगलवार के दिन जब पंचक प्रारंभ होता है तो इसे अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है. पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन जब बुधवार और गुरुवार से पंचक प्रारंभ होता है तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

Panchak Dates 2022 with Start and End Timings: पंचांग के अनुसार 2 अप्रैल 2022, शनिवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है. इस दिन ‘पंचक’ (Panchak) समाप्त हो रहे हैं. पंचक 28 मार्च 2022, सोमवार को प्रात: 11 बजकर 55 मिनट से चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि से पंचक आरंभ हुआ था.

2 अप्रैल को पंचक समाप्त (Panchak Calendar 2022)
पंचक पांच दिनों का माना गया है. इसीलिए इसे पंचक कहा जाता है. पंचांग के अनुसार पंचक का योग 28 से 2 अप्रैल 2022 तक बना हुआ था. पंचांग की गणना के अनुसार 2 अप्रैल 2022, शनिवार को प्रात: 11 बजकर 21 मिनट पर पंचक समाप्त होगा. इस दिन चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि है. विशेष बात ये है कि इस दिन हिंदू वर्ष नवसंवत्सर 2079 (Hindu Nav Varsh 2022) और नवरात्रि (chaitra navratri 2022) का शुभारंभ हो रहा है. 

पंचक कैसा लगता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पंचक तब लगता है जब चन्द्रमा, कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है. इसके साथ ही पंचक के दौरान घनिष्ठा से रेवती तक जो पांच नक्षत्र होते हैं, उन्हें पंचक कहा जाता है. ये नक्षत्र घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र हैं. 

पंचक का महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार पंचक में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन कुछ स्थितियों में कुछ कार्यों को छोड़कर अन्य कार्य किए जा सकते हैं. मान्यता है कि अग्नि पंचक में मंगल से जुड़ी चीजों का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए और अग्नि से बचना चाहिए. क्रोध से दूर रहना चाहिए और वाणी को मधुर बनाना चाहिए.

इस बार बना था ‘चोर पंचक’ का योग
पंचक जब रविवार से आरंभ होता है तो इसे रोग पंचक, सोमवार से प्रारंभ होने पर राज पंचक, मंगलवार के दिन जब पंचक प्रारंभ होता है तो इसे अग्नि पंचक, शुक्रवार से प्रारंभ होने वाला पंचक चोर पंचक और शनिवार से प्रारंभ होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है. पंचक में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. लेकिन जब बुधवार और गुरुवार से पंचक प्रारंभ होता है तो पंचक के पांच कार्यों के अतिरिक्त शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

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