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Vaishakh Purnima 2022: पूर्णिमा तिथि, हिंदी महीने की हर माह की अंतिम तिथि होती है. वैशाख माह की अंतिम तिथि यानी पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इसे वैशाख पूर्णिमा भी कहते है. बौद्ध धर्म के साथ –साथ हिन्दू धर्म में भी वैशाख पूर्णिमा का बहुत ही महत्त्व है. बौद्ध ध्रर्म ग्रन्थों के मतानुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था. इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.
वैशाख पूर्णिमा के दिन करें इन तीन देवों की पूजा
बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा करने से भक्तों के सारे सांसारिक कष्ट मिट जाते हैं. शास्त्रों की मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध, के साथ यदि भगवान विष्णु और भगवान चंद्रदेव की भी पूजा की जाय तो मनोकामनाएं बहुत ही जल्द पूरी हो जाती हैं.
विष्णु के 9वें अवतार हैं महात्मा बुद्ध
मान्यताओं के अनुसार, महात्मा बुद्ध, को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना गया है. भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु के अवतार होने के कारण हिंदू धर्मानुयायियों के बीच बुद्ध पूर्णिमा का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. इस दिन बौद्धधर्मानुयायी बुद्ध पूर्णिमा पर्व को प्रकाश उत्सव के रूप मे मनाते हैं. इस दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न-दान करने की परंपरा है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख या बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध के साथ – साथ भगवान विष्णु और चंद्र देव की विधि-विधान से पूजा उपासना की जाती है. इतना ही नहीं, इस दिन लोग पूर्णिमा का व्रत रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं. गरीब और जरूरत मंद लोगों को दान देते है. ऐसा माना जाता है कि भक्तों की पूजा उपासना और दान देने से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और चंद्रदेव भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं बहुत जल्द पूर्ण करते हैं.
वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा कब है?
पंचाग के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि 16 मई के दिन पड़ रही है. पूर्णिमा तिथि का आरंभ 15 मई, रात्रि 12:45 से होकर 16 मई रात्रि 9 बजकर 45 मिनट तक है. भक्तगण वैशाख पूर्णिमा का व्रत सोमवार, 16 मई 2022 को रखें.
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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Vaishakh Purnima 2022: पूर्णिमा तिथि, हिंदी महीने की हर माह की अंतिम तिथि होती है. वैशाख माह की अंतिम तिथि यानी पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इसे वैशाख पूर्णिमा भी कहते है. बौद्ध धर्म के साथ –साथ हिन्दू धर्म में भी वैशाख पूर्णिमा का बहुत ही महत्त्व है. बौद्ध ध्रर्म ग्रन्थों के मतानुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के संस्थापक महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था. इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.
वैशाख पूर्णिमा के दिन करें इन तीन देवों की पूजा
बौद्ध धर्म में वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा का विधान है. मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा करने से भक्तों के सारे सांसारिक कष्ट मिट जाते हैं. शास्त्रों की मान्यता है कि वैशाख पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध, के साथ यदि भगवान विष्णु और भगवान चंद्रदेव की भी पूजा की जाय तो मनोकामनाएं बहुत ही जल्द पूरी हो जाती हैं.
विष्णु के 9वें अवतार हैं महात्मा बुद्ध
मान्यताओं के अनुसार, महात्मा बुद्ध, को भगवान विष्णु का 9वां अवतार माना गया है. भगवान बुद्ध को भगवान विष्णु के अवतार होने के कारण हिंदू धर्मानुयायियों के बीच बुद्ध पूर्णिमा का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है. इस दिन बौद्धधर्मानुयायी बुद्ध पूर्णिमा पर्व को प्रकाश उत्सव के रूप मे मनाते हैं. इस दिन जरूरतमंद लोगों को अन्न-दान करने की परंपरा है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख या बुद्ध पूर्णिमा के दिन महात्मा बुद्ध के साथ – साथ भगवान विष्णु और चंद्र देव की विधि-विधान से पूजा उपासना की जाती है. इतना ही नहीं, इस दिन लोग पूर्णिमा का व्रत रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं. गरीब और जरूरत मंद लोगों को दान देते है. ऐसा माना जाता है कि भक्तों की पूजा उपासना और दान देने से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और चंद्रदेव भक्तों पर कृपा बरसाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं बहुत जल्द पूर्ण करते हैं.
वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा कब है?
पंचाग के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि 16 मई के दिन पड़ रही है. पूर्णिमा तिथि का आरंभ 15 मई, रात्रि 12:45 से होकर 16 मई रात्रि 9 बजकर 45 मिनट तक है. भक्तगण वैशाख पूर्णिमा का व्रत सोमवार, 16 मई 2022 को रखें.
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