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Krishna Janmashtami 2022 : कृष्ण की राधा के साथ लीलाएं और राधा की कृष्ण के लिए दीवानगी किसी से छुपी नहीं है. आज भी उनके अमर प्रेम उदाहरण लोग देते हैं. भले ही ये एक-दूसरे के कभी हो नहीं सके, लेकिन फिर भी इनका नाम साथ में लिया जाता है. आखिर ऐसी क्या वजह थी, जिसके चलते राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी अधूरी रह गई? ये किसी को नहीं पता. गर्ग संहिता और पुराणों में इसकी वजह बताई गई है. चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों नहीं हो सकी राधा-कृष्ण की शादी ?
क्यों रह गई अधूरी प्रेम कहानी
गर्ग संहिता के मुताबिक कृष्ण जब बचपन में नंद बाबा की गोद में खेल रहे थे. तभी उन्हें एक अद्भुत शक्ति का आभास हुआ जो कोई नहीं बल्कि राधा थीं. वो तुरंत ही बाल अवस्था को छोड़ कर यौवनावस्था में आ गए. ऐसा माना जाता है कि इसी समय ब्रह्मा जी ने राधा-कृष्ण का विवाह करवाया था. विवाह होने के बाद सब कुछ सामान्य हो गया. विवाह के बाद ही ब्रह्मा जी और राधा जी भी अंतरध्यान हो गए और कृष्ण भी अपनी बाल अवस्था में वापस आ गए.
पुुराणों के अनुसार जब कृष्णजी वृन्दावन छोड़कर जा रहे थे तब उन्होंने राधा से वादा किया था कि वे लौटकर आएंगे, लेकिन उनकी मुलाकात रुक्मणी से हुई जो मन ही मन उन्हें अपना पति मान चुकी थीं. जब रूक्मणी का विवाह किसी दूसरे से कराया जा रहा था तब कृष्ण जी वहां पहुंच गए और उनसे शादी कर ली.
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब राधा-कृष्ण बालपन में मिले थे तभी उन्हें अपने प्रेम का अभास हो गया था. राधा कृष्ण से उम्र में 11 महीने बड़ी थी और दोनों का प्रेम आध्यात्मिक था इसलिए वह कभी शादी के बंधन में नहीं बंधे.
पौराणिक कथाओं के अनुसार राधा को रुक्मणी का आध्यात्मिक अवतार भी माना जाता है. अब इन कथाओं की मानें तो राधा-कृष्ण का विवाह सीधे तौर पर तो नहीं हुआ लेकिन दोनों जीवन भर एक-दूसरे से प्रेम करते रहे.
ब्रह्मावैवर्त पुराण के अनुसार ही राधा का विवाह यशोदा के भाई रायान गोपा से हो गई थी और राधा रिश्ते में कृष्ण की मामी लगने लगी थी, इसलिए भी उऩ्होंने शादी नहीं की थी. ऐसा भी कहा जाता है कि राधा ने अपना घर छोड़ दिया था और एक परछाई अपने घर पर छोड़ी थी, उसी से गोपा की शादी की गई थी.
कृष्ण जी ने रूक्मणी से विवाह इसलिए भी किया क्योंकि वे जानते थे कि रूक्मणी ही राधा है. दरअसल राधा का ही एक स्वरूप रूक्मणी का था.
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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
Krishna Janmashtami 2022 : कृष्ण की राधा के साथ लीलाएं और राधा की कृष्ण के लिए दीवानगी किसी से छुपी नहीं है. आज भी उनके अमर प्रेम उदाहरण लोग देते हैं. भले ही ये एक-दूसरे के कभी हो नहीं सके, लेकिन फिर भी इनका नाम साथ में लिया जाता है. आखिर ऐसी क्या वजह थी, जिसके चलते राधा-कृष्ण की प्रेम कहानी अधूरी रह गई? ये किसी को नहीं पता. गर्ग संहिता और पुराणों में इसकी वजह बताई गई है. चलिए जानते हैं कि आखिर क्यों नहीं हो सकी राधा-कृष्ण की शादी ?
क्यों रह गई अधूरी प्रेम कहानी
- गर्ग संहिता के मुताबिक कृष्ण जब बचपन में नंद बाबा की गोद में खेल रहे थे. तभी उन्हें एक अद्भुत शक्ति का आभास हुआ जो कोई नहीं बल्कि राधा थीं. वो तुरंत ही बाल अवस्था को छोड़ कर यौवनावस्था में आ गए. ऐसा माना जाता है कि इसी समय ब्रह्मा जी ने राधा-कृष्ण का विवाह करवाया था. विवाह होने के बाद सब कुछ सामान्य हो गया. विवाह के बाद ही ब्रह्मा जी और राधा जी भी अंतरध्यान हो गए और कृष्ण भी अपनी बाल अवस्था में वापस आ गए.
- पुुराणों के अनुसार जब कृष्णजी वृन्दावन छोड़कर जा रहे थे तब उन्होंने राधा से वादा किया था कि वे लौटकर आएंगे, लेकिन उनकी मुलाकात रुक्मणी से हुई जो मन ही मन उन्हें अपना पति मान चुकी थीं. जब रूक्मणी का विवाह किसी दूसरे से कराया जा रहा था तब कृष्ण जी वहां पहुंच गए और उनसे शादी कर ली.
- पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब राधा-कृष्ण बालपन में मिले थे तभी उन्हें अपने प्रेम का अभास हो गया था. राधा कृष्ण से उम्र में 11 महीने बड़ी थी और दोनों का प्रेम आध्यात्मिक था इसलिए वह कभी शादी के बंधन में नहीं बंधे.
- पौराणिक कथाओं के अनुसार राधा को रुक्मणी का आध्यात्मिक अवतार भी माना जाता है. अब इन कथाओं की मानें तो राधा-कृष्ण का विवाह सीधे तौर पर तो नहीं हुआ लेकिन दोनों जीवन भर एक-दूसरे से प्रेम करते रहे.
- ब्रह्मावैवर्त पुराण के अनुसार ही राधा का विवाह यशोदा के भाई रायान गोपा से हो गई थी और राधा रिश्ते में कृष्ण की मामी लगने लगी थी, इसलिए भी उऩ्होंने शादी नहीं की थी. ऐसा भी कहा जाता है कि राधा ने अपना घर छोड़ दिया था और एक परछाई अपने घर पर छोड़ी थी, उसी से गोपा की शादी की गई थी.
- कृष्ण जी ने रूक्मणी से विवाह इसलिए भी किया क्योंकि वे जानते थे कि रूक्मणी ही राधा है. दरअसल राधा का ही एक स्वरूप रूक्मणी का था.
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